जुदा है जिंदगी अपनी
जुदा अपनी कहानी है
भुला देना की दुनिया में
तुम्हारी एक दीवानी है
ये बिखरे रंग जीवन के
समेटे फिर न जायेंगे
तुम्हें बेचैन कर देंगे
कभी जब याद आएंगे
तेरी रंगीन है दुनिया
मेरे दिल में वीरानी है
मेरी बेनूर आँखों में
तो बस ठहरा सा पानी है
कोई शिकवा नही तुमसे
नही कोई शिकायत है
हमें चाहा कभी तुमने
सनम तेरी इनायत है
सजाले जिंदगी अपनी
अभी बाकी जवानी है
न जाने कितनी चाहत
जिंदगी में आनी-जानी हैं
मुबारक हों तुम्हें खुशियाँ
तेरी दुनिया सुहानी है
मुकद्दर में नही है हम
भले चाहत पुरानी है
- नीतू ठाकुर
वाह ! वाह ! क्या बात है ! बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति ! बहुत खूब आदरणीया ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय बहुत बहुत शुक्रिया आप का इस प्रतिक्रिया के लिए। आशिर्वाद बनाये रखें।
हटाएंयह बिखरे रंग जीवन के
जवाब देंहटाएंसमेटे फिर न जाएंगे
तुम्हें बैचेन कर देंगे
कभी जब याद आएंगे
वाह्ह्ह बहुत शानदार रचना नीतू जी
बहुत बहुत आभार
हटाएंआप की प्रतिक्रिया हमेशा ही हौसला बढाती है।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआदरणीय बहुत बहुत शुक्रिया आप का ।
हटाएंक्या बात है..नीतू जी..बहुत ही खूबसूरत..👌
जवाब देंहटाएंवाह सखी बहुत सुन्दर रचना 🙏
जवाब देंहटाएंवाह सखी लाजवाब!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर, सच कहूं तो साहिर साहब की याद दिला दी आपकी इस रचना ने धाराप्रवाहता लिये गेय रचना ।
क्या खूब समझा आपने ....मेरे मन का हर शब्द पढ़ लिया आप ने।
हटाएंआप ने सराहा लेखन सार्थक हुआ। आभार सखी।
नीतु दी, बहुत ही खुबसुरत रचना। मन की प्रेम भरी व्याकुलता व्यक्त करती रचना।
जवाब देंहटाएंह्रदय से आभार।
हटाएंबेहद सुंदर...वाहहह.. वाहहह और सिर्फ वाह्ह्ह... गुनगुनाती रचना की बधाई आपको नीतू।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार सखी श्वेता जी।
हटाएंएकदम सही भाव पकड़ा आप ने। शानदार प्रतिक्रिया देती है आप।
वाहः
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन
आदरणीय बहुत बहुत शुक्रिया
हटाएंआप को रचना पसंद आई लेखन सार्थक हुआ। ह्रदय से आभार।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना सखी
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार सखी
हटाएंआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन धारा 377 के बाद धारा 497 की धार में बहता समाज : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
जवाब देंहटाएंआदरणीय बहुत बहुत शुक्रिया आप का मेरी रचना को स्थान देने के लिए ।
हटाएंबहुत बहुत सुंदर। बहुत ख़ूबसूरत रचना। wahhhhh
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक १ अक्टूबर २०१८ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत बहुत आभार आपका ।
हटाएंचाहतों के मेले है लेकिने उस एक चाहत सी छटपटाते रहते हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना. रंगसाज़
बहुत बहुत आभार आपका इस खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए।
हटाएंबेहतरीन रचना सखी 👌
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका ।
हटाएंबहुत ही सुंदर रचना सखी ...बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार ।
हटाएंप्रेम और चाहत के खूबसूरत भावों से सजी शानदार कृति....
जवाब देंहटाएंकमाल की रचना...
वाह!!!!
बधाई आपको इस लाजवाब रचना के लिए...
विद्रोह या न पाने की विरसता!!!
जवाब देंहटाएंदिल की जुबां मुहब्बत की कहानी कह रहे हैं ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा है ...
बहुत सुंदर रचना है, बधाई हो
जवाब देंहटाएंVisit Also-Facebook Tips, Mobile Tips, Whatsapp Tips, Blogger Tips in hindi
वाह.. वाह... वाह .. बेहद खूबसूरत ख्याल ..
जवाब देंहटाएंNice article
जवाब देंहटाएंairtel recharge list