इंतजार, इजहार, गुलाब, ख्वाब, वफ़ा, नशा
उसे पाने की कोशिशें तमाम हुई, आजमाइशें सरेआम हुई
अदब, कायदा, रस्में, रवायतें, शराफत, नेकी
हर घडी बेजान हुई, रिश्तों की गहराइयां चुटकियों में तमाम हुई
इज्जत, ईमान, हया, नजाकत, मासूमियत, पाकीजगी
वक़्त के साथ कुर्बान हुई, खानदान की अस्मत बेपर्दा खुलेआम हुई
सवाल, सलाह, मशवरा, हिदायतें, नसीहतें, फिक्र,
जब से चुभने का सामान हुई, इल्म की सौगातें भी जैसे हराम हुई
बदजुबानी, बदतमीजी, बदमिजाजी,बेखयाली, बेअदबी, बेशर्मी
जब से अंदाज-ए-गुफ्तगू बदनाम हुई, बुजुर्गों की जुबान बेजुबान हुई
हवस, हैवानियत, दरिंदगी, वहशीपन, आतंक, खौफ,
जब से ये बातें आम हुई, इंसानों की इंसानियत गुमनाम हुई
हवस, हैवानियत, दरिंदगी, वहशीपन, आतंक, खौफ,
जब से ये बातें आम हुई, इंसानों की इंसानियत गुमनाम हुई
- नीतू ठाकुर