मनमीत मै तेरा गीत बनूँ
संगीत बने एहसास
है मन में बस इतनी सी आस
रहूँ मै हर पल तेरे पास
दो नैनों की डोली में
मै कितने ख्वाब सजा बैठी
तेरे प्रीत में ऐसे रंगी
सारे रंग भुला बैठी
जब तक तन में साँस है बाकी
तब तक है विश्वास
रहूँ मै हर पल तेरे पास .....
अब न कोई राँझा है और
ना है हीर दिवानी
बरसों पहले ख़त्म हुई हैं
प्रेम की अमर कहानी
अपने अनुरागी मन का
दुनिया न करे उपहास
रहूँ मै हर पल तेरे पास .....
जनम जनम के बंधन में
जब बंध बैठे दो मीत
कभी न टूटे फिर वो नाता
है ये जग की रीत
किस्मत ने जोड़ा ये रिश्ता
है हमको आभास
रहूँ मै हर पल तेरे पास ......
विरह वेदना सह न सकेंगे
एक पल भी खुश रह न सकेंगे
तुम खुशियों की चाभी हो ये
तुम से कभी हम कह न सकेंगे
हर पल नैना तुझको ढूँढे
तुम बिन रहें उदास
रहूँ मै हर पल तेरे पास .....
- नीतू ठाकुर
अपने अनुरागी मन का दुनिया न करे उपहास... लाजवाब पंक्तियाँ. वाह 👏
जवाब देंहटाएंखूबसूरती से अनुरागी मन की रचनाओं में ढाला है ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
सुंदर प्रतिक्रिया....बहुत बहुत आभार
हटाएंबहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंप्रियतम के अप्रितम अनुराग में डूबी प्रेयसी का आत्म्त्यता से भरी कामना को बहुत ही सुंदर शब्द दिए आपने प्रिय नीतू जी |प्रेम की सभी स्थितियां पार कर खोने का डर प्रेम को और भी प्रगाढ़ कर देता है | बहुत ही प्यारा प्रेम गीत !!!!!!!! सस्नेह -----
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रतिक्रिया
हटाएंबहुत बहुत आभार
कृपया प्रेयसी की आत्मीयता पढ़े -- गलती के लिए खेद है |
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यार से भरी प्यारी रचना
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रतिक्रिया... बहुत बहुत आभार
हटाएंविलक्षण प्रेम संगीत, या अनुरागी चित की गति, सब कुछ समर्पित
जवाब देंहटाएंकितनी विहलता सब कुछ बस केन्द्रित एक ही धुरी पर,
सुंदरतम रचना नजाकत से भरी मद्धरिम पूर्वईया सी सम्मोहित करती सी।
सखी बधाई इस रस संगीत की।
सुंदर प्रतिक्रिया
हटाएंबहुत बहुत आभार
बड़ी सुंदर रचना है नीतू जी
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार
हटाएंमन के कोमल प्रेम भाव ...
जवाब देंहटाएंजनम जनम के बंधन यूँ ही बने रहें ...
सुंदर प्रतिक्रिया
हटाएंबहुत बहुत आभार
बेहतरीन रचना, मन को छूकर निकलती हुई, हर पल नैना ढूंढे तुझको तुम बिन रहे उदास.. मैं हर पल तेरे पास...👌👌
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति, प्रेयसी के अनुरागी चितवन के छुवन की अन्तः दशा को चित्रित करती हुई रचना जिसे बहुत आत्मीयता से पृष्ठ पर उकेरा है। निःशब्द......
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आदरणीय 🙏🙏🙏 आपको पसंद आया लेखन सार्थक हुआ ...स्नेहाशीष बनाये रखें 🙏🙏🙏
हटाएं