सूरज की प्यासी किरणें जब
बारिश से मिलने जाती है
और नन्ही नन्ही बूँदों से
वो अपनी प्यास बुझाती हैं
उस मधुर मिलन की परछाई
कुछ ऐसे रंग सजाती है
बटती है सात रंग में वो
और इन्द्रधनुष बन जाती है
फिर मेघ नाद गूँजे नभ में
बिजली भी चमक दिखती है
पर प्यासे तड़प रहे मन को
वो कहाँ जुदा कर पाती है
फिर झूम उठे सारी सृष्टी
उन रंगों में खो जाती है
ये पल दो पल की परछाई
सब के मन को हर्षाती है
वो चित्रकार हो या शायर
एक नई उम्मीद जगाती है
कितने ही सूने जीवन के
सपनों में रंग सजाती है
- नीतू ठाकुर
कोमल और सुंदर भावों का साक्षात इंद्रधनुष।
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी लय बद्ध रचना ।
बहुत बहुत आभार सखी सुंदर प्रतिक्रिया।
हटाएंइन्द्र्घनुष को अलग नजर से निहारती सुंदर रचना प्रिय नीतू जी -
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार
हटाएंसुंदर प्रतिक्रिया।
बहुत खूबसूरत,इंद्रधनुष की सही परिभाषा...वाह्ह👌
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार
हटाएंमन खुश कर गई आप की प्रतिक्रिया।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (04-02-2018) को "अपने सढ़सठ साल" (चर्चा अंक-2869) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय धन्यवाद आशीर्वाद बनाये रखें।
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक ५ फरवरी २०१८ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत बहुत आभार
हटाएंआदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' ०५ फरवरी २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंटीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
आदरणीय धन्यवाद
हटाएंवाह्ह्ह्
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा
बहुत बहुत आभार
हटाएंआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/02/55.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआदरणीय धन्यवाद आशीर्वाद बनाये रखें।
हटाएंबहुत सुंदर भावों से सृजित रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार सुंदर प्रतिक्रिया।
हटाएंबेहद सुन्दर भावाभिव्यक्ति.
बहुत बहुत आभार
हटाएंआशीर्वाद बनाये रखें।
इन्द्रधनुष को परिभाषित करती सुंंदर रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार
हटाएंमन खुश कर गई आप की प्रतिक्रिया।
बहुत ही प्यारी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार
हटाएंइन्द्रधनुष को परिभाषित करती खूबसूरत रचना...
जवाब देंहटाएंवाह!!!
वाह इंद्रधनुष की
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और कोमल अभिव्यक्ति
सादर
बहुत बहुत आभार आदरणीय
हटाएंBahut khoob man bhavan rachna
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