शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2018

इन्द्रधनुष- मधुर मिलन की परछाई..... नीतू ठाकुर


सूरज की प्यासी किरणें जब 
बारिश से मिलने जाती है 
और नन्ही नन्ही बूँदों से 
वो अपनी प्यास बुझाती हैं 
उस मधुर मिलन की परछाई 
कुछ ऐसे रंग सजाती है 
बटती है  सात रंग में वो 
और इन्द्रधनुष बन जाती है 
फिर मेघ नाद गूँजे नभ में 
बिजली भी चमक दिखती है 
पर प्यासे तड़प रहे मन को 
वो कहाँ जुदा कर पाती है 
फिर झूम उठे सारी सृष्टी 
उन रंगों में खो जाती है 
ये पल दो पल की परछाई 
सब के मन को हर्षाती है 
वो चित्रकार हो या शायर 
एक नई उम्मीद जगाती है 
कितने ही सूने जीवन के 
सपनों में रंग सजाती है 

       - नीतू ठाकुर 




29 टिप्‍पणियां:

  1. कोमल और सुंदर भावों का साक्षात इंद्रधनुष।
    बहुत प्यारी लय बद्ध रचना ।

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    उत्तर
    1. बहुत बहुत आभार सखी सुंदर प्रतिक्रिया।

      हटाएं
  2. इन्द्र्घनुष को अलग नजर से निहारती सुंदर रचना प्रिय नीतू जी -

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  3. बहुत खूबसूरत,इंद्रधनुष की सही परिभाषा...वाह्ह👌

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    उत्तर
    1. बहुत बहुत आभार
      मन खुश कर गई आप की प्रतिक्रिया।

      हटाएं
  4. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (04-02-2018) को "अपने सढ़सठ साल" (चर्चा अंक-2869) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक ५ फरवरी २०१८ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  6. आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' ०५ फरवरी २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।

    जवाब देंहटाएं
  7. आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/02/55.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

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  8. बहुत सुंदर भावों से सृजित रचना

    जवाब देंहटाएं

  9. बेहद सुन्दर‎ भावाभिव्यक्ति.

    जवाब देंहटाएं
  10. इन्द्रधनुष को परिभाषित करती सुंंदर रचना..

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    1. बहुत बहुत आभार
      मन खुश कर गई आप की प्रतिक्रिया।

      हटाएं
  11. इन्द्रधनुष को परिभाषित करती खूबसूरत रचना...
    वाह!!!

    जवाब देंहटाएं
  12. वाह इंद्रधनुष की
    बहुत सुंदर और कोमल अभिव्यक्ति
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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