सोमवार, 23 अक्तूबर 2017

मेरे अंतर मन का दर्पण या मेरी परछाई हो.....नीतू ठाकुर


मेरे अंतर मन का दर्पण या मेरी परछाई हो,
कौन हो तुम जो इस दुनिया में मेरी खातिर आई हो ?

चंद्र सी आभा मुख मंडल पर,जुल्फ घटा सी छाई है,
चन्द्रबदन,मृगनयनी हो तुम तन पर चिर तरुणाई है,
चाल चपल चंचला के जैसी ,स्वर में तेरे गहराई है,
तुमने मुझको जनम दिया है,या तू मेरी जाई है ?    

मेरे अंतर मन का दर्पण या मेरी परछाई हो,
कौन हो तुम जो इस दुनिया में मेरी खातिर आई हो ?  

कभी हंसाती,कभी रुलाती कभी रोष दर्शाती हो,
कौन हो तुम जो मन की बातें बस मुझको बतलाती हो ?
मेरी कविता,मेरी रचना तू मेरा संसार है,
तूने मेरा चयन किया है ये तेरा उपकार है,
  
मेरे अंतर मन का दर्पण या मेरी परछाई हो,
कौन हो तुम जो इस दुनिया में मेरी खातिर आई हो ?  

- नीतू ठाकुर 

14 टिप्‍पणियां:

  1. वाह्ह्ह...बहुत सुंदर कविता नीतू जी।
    भावों को खूबसूरती से पिरोया है आपने
    लयात्मक कविता में।बहुत अच्छा लिखती है आप।मेरी बधाई एवं शुभकामनाएँ स्वीकार करें।

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    उत्तर
    1. बहोत बहोत आभार, आप की प्रतिक्रिया हमेशा उत्साह बढ़ाने वाली होती है

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  2. अपनी रचना में खुद को महसूस करने की सुन्दर कल्पना। सुन्दर प्रस्तुति, साथ ही सादर आग्रह है कि मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों --
    मेरे ब्लॉग का लिंक है : http://rakeshkirachanay.blogspot.in
    नीतू जी एक अनुरोध है कि आप अपने ब्लॉग पर Followers(समर्थक) गैजेट जोड़ें।

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 26-10-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2769 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर ! कई अर्थ निकाले जा सकते हैं इस लयात्मक वार्तालाप के, मुझे लगता है कि यहाँ कवयित्री स्वयं अपनी ही रचना को संबोधित कर रही हैं । बहुत सुंदर शब्दों का प्रयोग ।

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  5. जय मां हाटेशवरी...
    अनेक रचनाएं पढ़ी...
    पर आप की रचना पसंद आयी...
    हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
    इस लिये आप की रचना...
    दिनांक 01/05/2018 को
    पांच लिंकों का आनंद
    पर लिंक की गयी है...
    इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।

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    उत्तर
    1. आदरणीय मेरी रचना को मान देने हेतु बहुत बहुत आभार।
      आशिर्वाद बनाये रखें।

      हटाएं
  6. बहुत उम्दा आदरणीया
    बेहतरीन रचना

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  7. अद्भुत... अप्रतिम... शानदार... लाज़वाब...आदरणीया 👌👌👌👏👏👏

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