सूखे पत्ते बंजर धरती
क्या नजर नहीं आती तुमको
ये बेजुबान भूखे प्यासे
क्या खुश कर पायेंगे तुमको
हे इंद्रदेव, हे वरुणदेव
किस भोग विलास में खोये हो
या किसी अप्सरा की गोदी में
सर रखकर तुम सोये हो
करते है स्तुति गान तेरा
अब तो बादल बरसाओ ना
तुम देव हो ये न भूलो तुम
कुछ तो करतब दिखलाओ ना
अंधे बनकर बैठे त्रिदेव
विपदा को पल पल देख रहे
अब कौन बचाने जायेगा
मन ही मन में यह सोच रहे
पत्थर की पूजा करते हैं
क्या पत्थर ही बन जाओगे
या कृपा करोगे दुनिया पर
जलधारा भी बरसाओगे
कर जोड़ करें तुमसे विनती
अब और कहर बरसाओ ना
तुम दया करो हम पर स्वामी
बारिश बनकर फिर आओ ना
- नीतू ठाकुर
Very saddy scene
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