मेरे लिबास से मेरी औकात का अंदाजा न लगा
इस फटी कमीज़ में करोड़ों के बिल रखता हूँ
उधार की ज़िंदगी और मिट्टी के तन में
मोहब्बत भरा कोहिनूर सा दिल रखता हूँ
लोग लगे हैं मेरी हस्ती मिटाने में
मै तो बस निगाहों में मंजिल रखता हूँ
सुना है टूटा हुआ दिल जुड़ता नही है
इसी लिए दिल को थोड़ा संगदिल रखता हूँ
बेफिजूल बोलना तो हमें आता ही नही
मै तो हमेशा मुद्दे की बात रखता हूँ
एक बार मेरी तरफ हाथ बढ़ा कर तो देख
मै कितनी मोहब्बत से तेरी हथेली पर हाथ रखता हूँ
भीड़ जुटाने का शौक नही है हमें
बस दो -चार दोस्त साथ रखता हूँ
बेमतलब की यारी का फायदा क्या है
दोस्त कम रखता हूँ पर खास रखता हूँ
अधूरे ख्वाब और टूटे हुए हैं अरमान तो क्या
दिल के कोने में ये भी एक सौगात रखता हूँ
पूछ सकता हूँ खुदा से दिल टूटने का सबब
खुदा के दर पर इतनी औकात रखता हूँ
नीतू ठाकुर
वाह बहुत ही बेहतरीन रचना नीतू जी
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (27-10-2018) को "पावन करवाचौथ" (चर्चा अंक-3137) (चर्चा अंक-3123) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंवाह! बदलते वक़्त का सबक़ यथार्थ से भरा हुआ. जोश भरती सुन्दर रचना. बधाई एवम् शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंनीतु दी,वा...व्व... बहुत सुंदर मनोभाव व्यक्त करती रचना।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना ...
जवाब देंहटाएंग़ज़ब की गेयता और कमाल का भाव ...
मस्ती साई छलक उठती है रचना पढ़ने के बाद ... हर छन्द लाजवाब ...
वाह बहुत खूबसूरत रचना सखी ।
जवाब देंहटाएंएकदम बेमिसाल। whhhhhhhh। लाज़बाब लाज़बाब लाज़बाब। एकदम मंचीय रचना है आदरणीया नीतू जी। बधाइयाँ
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है. https://rakeshkirachanay.blogspot.com/2018/10/92-93.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर... बहुत ही लाजवाब...
जवाब देंहटाएंवाह!!!
लाजबाब. ..बहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब ,
जवाब देंहटाएंवाह!!नीतू जी ,बहुत ही खूबसूरत रचना!
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर नीतू जी
जवाब देंहटाएंमैं कितनी मोहब्बत से तेरी हथेली पर हाथ रखता हूँ।
लाजवाब
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंअतिसुन्दर
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