नव गीत
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अधर को मौन रहने दो
नयन हर भेद खोलेंगे
हृदय भी मौन ही समझे
समझ के भाव बोलेंगे
धरा का मौन बादल ही
समझता जानता है सब
चकोरी चाँद की बातें
सुनाई दे रही हैं अब
मयूरा मेघ से कहता
बता हिय बात ही वो कब
मगर कुछ देख बेचैनी
बरस के प्रीत घोलेंगे
अधर को मौन रहने दो
नयन हर भेद खोलेंगे
कहे कुछ ज्वार भाटा भी
मिले सागर कहाँ चंदा
पलक ही बोल देती हैं
हिले जब भाव में मंदा
बचे रति बाण से कैसे
पड़े जब नेह का फंदा
सभी यूँ मूक दिखते हैं
नहीं ये मौन डोलेंगे
अधर को मौन रहने दो
नयन हर भेद खोलेंगे
भ्रमर से बोलती है कब
गुलाबी सी कली महकी
भले ही दौड़ती देखी
कभी तितली कहीं बहकी
जले सब आग में बेशक
कहेंगी ये नहीं दहकी
मगर ये उस समर्पण में
कहाँ कब मौन तोलेंगे
अधर को मौन रहने दो
नयन हर भेद खोलेंगे
नयन में रंग बासन्ती
बहारें देख फागुन की
भरे मन झूल अम्बर सी
पड़ी जब डाल जामुन की
हिलोरें उठ रही ऐसे
बने ज्यूँ झाग साबुन की
अगर दृग में फँसे आकर
समझ ले खूब रोलेंगे
अधर को मौन रहने दो
नयन हर भेद खोलेंगे
नीतू ठाकुर 'विदुषी'
बहुत सुंदर नवगीत👌👌👌 सुन्दर भावभिव्यक्ति👌👌👌 कल्पना और यथार्थ का मनोहारी सृजन, प्रशंसनीय
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर नवगीत सखी👌👌
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूबसूरत लिखा आपने हर बंद में शब्दों की खूबसूरती निखर कर आ रही है
जवाब देंहटाएंमन के भावों को अभिव्यक्त करता सुंदर नवगीत सखी
जवाब देंहटाएंअधर जब मौन होते हैं नजर से बात होती है।
जवाब देंहटाएंयही खामोशी नए रिश्ते की शुरुआत होती है।।
बहुत सुन्दर, सुमधुर, मनोहारी नवगीत आदरणीया 👏👏👏👏
वाह!!सखी ,सुंदर भावाभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंअहा, बहुत उम्दा
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत नवगीत👌👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंअप्रतिम अप्रतिम 👏👏👏👏👏👏👏
जवाब देंहटाएंअधर को मौन रहने दो
जवाब देंहटाएंनयन हर भेद खोलेंगे.... वाह! अप्रतिम भाव सौंदर्य!!!
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जवाब देंहटाएंअधरों का मौन मुखरित हो गया
शब्दों के ताने बाने से।
बहुत प्यारी सुंदर शृंगार भावों से ओत-प्रोत, सरस रचना ।
मानवीय करण
अन्योक्ति
और उपमा अलंकार का सुंदर प्रयोग।
भाषा सुंदर ।
भाव अहसास से सराबोर ।
बिंब बहुत सुंदर प्रतीकों का सुंदर प्रयोग
अप्रतिम अभिराम ।
बहुत सुंदर गीत लिखा है आपने।
अप्रतिम भाव सौंदर्य
जवाब देंहटाएंअति सुंदर सृजन...भाव और प्रवाह लाज़वाब हैं प्रिय नीतू।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 23 जनवरी 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर, अप्रतिम लाजवाब नवगीत
जवाब देंहटाएंवाह!!!
बहुत ही सुन्दर,मनोहारी रचना👌👌✔👌👌👌
जवाब देंहटाएंखूबसूरत भाव व्यंजना 👌💐
जवाब देंहटाएंखूबसूरत भाव व्यंजना 👌💐
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