इंद्रधनुषी ह्रदय का गगन हो गया
देखो ऋतूराज का आगमन हो गया
सारी मायूसियाँ अब विदा हो गई
मातमी सारा मंजर फ़ना हो गया
घाव पतझड़ के फिर सारे भरने लगे
खुशनुमा आज सारा चमन हो गया
इंद्रधनुषी ह्रदय का गगन हो गया
देखो ऋतूराज का आगमन हो गया
धूप की न तपिश शीत का न प्रहार
उनके आने से मौसम हुआ खुशग़वार
नव सृजित खेत खलिहान, बन भी हरा
फूलों से सज गई है ये सारी धरा
इंद्रधनुषी ह्रदय का गगन हो गया
देखो ऋतूराज का आगमन हो गया
हर तरफ आज ऋतू यूँ सुहानी हुई
महकी महकी हवाएं दीवानी हुई
आज कोयल ने छेड़ी है सरगम नई
आज संध्या भी कितनी नूरानी हुई
इंद्रधनुषी ह्रदय का गगन हो गया
देखो ऋतूराज का आगमन हो गया
- नीतू ठाकुर
सुंदर रचना....
जवाब देंहटाएंऋतुराज के आगमन पर हृदय का इंद्रधनुषी हो जाना,...बेहतरीन कल्पनाशीलता।
आदरणीय बहुत बहुत आभार।
हटाएंआप की प्रतिक्रिया सदा ही उत्साहित करती है।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (23-01-2018) को "जीवित हुआ बसन्त" (चर्चा अंक-2857) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
बसन्तपंचमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय बहुत बहुत आभार।
हटाएंलेखन सार्थक हुआ।
सुंदर काव्य सृजन नीतू जी 👌👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार।
हटाएंआप की प्रतिक्रिया सदा ही उत्साहित करती है।
लेखन सार्थक हुआ।
sundar line Nitu Mam
जवाब देंहटाएंOnline Book Publisher in India
Bahut Bahut Abhar
हटाएंMera prayas aap ko accha laga lekhan sarthak hua
बसंत का सुखद और प्रेम भरा आगमन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
बधाई
सादर
आदरणीय बहुत बहुत आभार
हटाएंसुंदर प्रतिक्रिया के लिए
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबसंत का आगमन ख़ुशियों की बहार ले के आता है ...
जवाब देंहटाएंकोयल के गीत और हवाओं में महक उठने लगी है ... पीली सरसों खिलने लगी है ...
बहुत बहुत आभार आशीर्वाद बनाये रखें।
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक ५ फरवरी २०१८ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत सुंंदर शब्दों और भावों का सृजन...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद
हटाएंमन खुश कर गई आप की प्रतिक्रिया।
वाह !!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर,
लाजवाब रचना
बहुत बहुत आभार सुंदर प्रतिक्रिया।
हटाएंबहुत सुन्दर रचना , ऋतुराज के आगमन पर मन का इन्द्रधनुष हो जाना बहुत सुन्दर कल्पना है
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