दिल के हर एहसास को 
पन्नों पर उतारा है 
शब्दोँ के मोती से 
उसको संवारा है 
इस डायरी में मेरे 
हजारों ख्वाब है
दिल में उठे हजारों 
सवालों के जवाब है 
कहीं गम के बादल हैं 
कहीं खुशियों की बरसात है 
कहीं उम्मीद का सूरज है 
कहीं मायूसी भरी रात है 
कहीं है जुदाई 
कहीं मुलाकात है 
किसी से न कह पाये 
वो अनकही बात है 
यादों के हर पल को 
इन पन्नों में छुपाया  है 
पढ़ कर उन लम्हों को 
ये दिल मुस्कुराया है 
-नीतू ठाकुर 

 
 
 
 
 
पन्ने कागज़ के हों या दिल के ... यादें इन्हें हमेशा सुनहरा रखेंगी ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार लेखन सार्थक हुआ।
हटाएंबहुत बहुत आभार लेखन सार्थक हुआ।
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जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार
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